मगर, यह गुजरती भी नहीं, अपनों के बिना। मगर, यह गुजरती भी नहीं, अपनों के बिना।
धर्म के नाम पर बटते भोजन पशु और रंग भी देखे हैं। धर्म के नाम पर बटते भोजन पशु और रंग भी देखे हैं।
दिल करता है, जिंदगी तुझे दे दूं। दिल करता है, जिंदगी तुझे दे दूं।
उपेक्षित अपनों के बीच उपेक्षित अपनों के बीच
लड़ो हक़ के लिए... लड़ो हक़ के लिए...
निढाल शरीर को सहलाती हैं मेरे चाँद की शीतल किरणें निढाल शरीर को सहलाती हैं मेरे चाँद की शीतल किरणें